भारतीय वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज में एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) फ्रेमवर्क विकसित किया है, जो कैंसर की कोशिकाओं के भीतर होने वाली जटिल गतिविधियों को पढ़ सकता है। यह AI डॉक्टरों को बताएगा कि ट्यूमर क्यों बढ़ रहा है और शरीर में कौन-सी खतरनाक प्रक्रियाएं सक्रिय हैं। इससे कैंसर का इलाज पहले से ज्यादा पर्सनलाइज्ड और प्रभावी बन सकता है।
पुराना तरीका अब काफी नहीं
अब तक डॉक्टर कैंसर का मूल्यांकन मुख्य रूप से ट्यूमर के आकार, फैलाव और स्टेज के आधार पर करते थे। लेकिन कई बार एक ही स्टेज वाले दो मरीजों के परिणाम अलग आते हैं। इसका कारण यह है कि पारंपरिक स्टेजिंग सिस्टम ट्यूमर के भीतर चल रही मॉलिक्यूलर प्रक्रियाओं को नहीं देख पाता। नई AI तकनीक इस कमी को पूरा करती है। यह ट्यूमर को उसकी “मॉलिक्यूलर पर्सनैलिटी” के आधार पर समझती है, न कि केवल उसके आकार या फैलाव के आधार पर।